लो आ गया...
लो आ गया...
लो आ गया फिर प्यार करने का महीना,
फरवरी क्या आयी आशिकों की आशिक़ी शुरू हो जाएगी,
गुलाबो का देना लेना शुरू हो जाएगा,
आशिको की खुशियों का ठिकाना नही होगा,
फूलो की महक से खिल उठेंगे घर अब तो,
रुठे हुए प्रेमियों को भी मना लेंगे आशिक़,
दिलो के खिलने मुस्कुराने का वक्त आ गया,
दिलो से दिलो के मिलने का वक्त आ गया,
प्यार का मौसम है ये जरा खुश हो ले ऐ दिल,
बिछड़े हुए साथी के मिलने की उम्मीदें जगा ले,
दूर ही सही शायद करीब आ जाये तुझसे मिलने,
शायद दिल से दिल मिल जाये और एक हो जाये ।