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Ramesh Mendiratta

Abstract

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Ramesh Mendiratta

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यह हैं देश भक्त

यह हैं देश भक्त

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उनकी जेब खाली थी पर वो उनकी मजबूरी थी

उनकी शिक्षा पूरी नही ही पर वो उनकी मजबूरी थी

  

वो बेरोजगार थे पर वो उनकी मजबूरी थी

उनके चाचा विधायक नही थे पर वो उनकी मजबूरी थी


उन्हे मंदिर जाना भी मना था पर यह उनकी मजबूरी

 वो बिना तोंद वाले थे पर यह उनकी मजबूरी थी


आस्था आहत नही होती थी पर यह उनकी मजबूरी थी

पूरा ध्यान रोटी पर था पर यह उनकी मजबूरी थी


मर मर के जीते थे और मरने की इच्छा ज़रूरी थी

यहाँ का विधान न समझते थे यह उनकी मजबूरी थी


खूने दिल बहाते थे आँसू भी, यह भी ज़रूरी थे

वक़्त से पहले मर गए यह उनकी मजबूरी थी।


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