Ramesh Mendiratta

Abstract Others

4.5  

Ramesh Mendiratta

Abstract Others

फासले.. एक विवेचन

फासले.. एक विवेचन

1 min
8


(फासले भी अच्छे बुरे होते हैं 

तन्हाई भी कभी काम आती है) 


फासलों की दुनिया में बसे हैं हम,

अपनी खुद की दुनिया को बना के।

जब भी दिल दुखता है, अनजान राहों पर जाते हैं,

फासलों से दूरी, बना के अपनी दुनिया में 


अनजान राहों पर चलते हैं हम,

फासलों की दूरी से नई दुनिया बना के।


जीवन की यात्रा में, फासले अच्छे होते हैं,

अगर वो नए दृष्टिकोण देते हैं, 

अनजान राहों पर ले जाते हैं।

पर दूर जाने का साहस किसमें है? 

अपनों से दूर कौन जाता है? 


फासलों की दुनिया में बसे हैं हम,

अपनी खुद की दुनिया को बना के।.. 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract