नेता ठेकेदार अफ़सरान वाला समझौता यानी विकास की एसी
नेता ठेकेदार अफ़सरान वाला समझौता यानी विकास की एसी
नेता और अफसर का, समझौता है निराला,
भ्रष्टाचार की गंगा में, सबने हाथ डाला।
जनता की सेवा का, करते हैं ये दावा,
पर असल में तो बस, नोटों का है धंधा।
फाइलें घूमती हैं, रिश्वत की चक्की में,
सच की आवाज़ दबती, झूठ की बस्ती में।
कुर्सी की भूख में, सब कुछ है जायज़,
ईमानदारी की बातें, बस हैं एक साज़।
जनता की उम्मीदें, टूटती हैं रोज़,
भ्रष्टाचार की जड़ें, फैलती हैं रोज़।
पर एक दिन आएगा, जब जागेगी जनता,
भ्रष्टाचार के खिलाफ, उठेगी एक क्रांति।
आओ मिलकर लड़ें, इस बुराई के खिलाफ,
वाट लगाएं एसे समझौते की, न रहे भ्रांति।
