राज गद्दी के लोभ ने फिर से जनता के बीच में लाया है। राज गद्दी के लोभ ने फिर से जनता के बीच में लाया है।
फिर भी चरण-रज सिर लगाती नहीं अघाती। फिर भी चरण-रज सिर लगाती नहीं अघाती।
सबक सिखा देंगे हम मिलकर, नेक बनेंगे, एक बनेंगे। सबक सिखा देंगे हम मिलकर, नेक बनेंगे, एक बनेंगे।
सरकार में आते ही जन को पुनः कठपुतली बनाते। सरकार में आते ही जन को पुनः कठपुतली बनाते।
एक और किसान के आत्मघात ने, मेरा मन झकझोर दिया। एक और किसान के आत्मघात ने, मेरा मन झकझोर दिया।
जनता का ये तोड़े विश्वास फिर भी कहे, हम सेवक है खास। जनता का ये तोड़े विश्वास फिर भी कहे, हम सेवक है खास।