वक़्त की चाल बड़ी बेरहम होती है नीयत सुधार कर जीवन जीना होगा खुशी से। वक़्त की चाल बड़ी बेरहम होती है नीयत सुधार कर जीवन जीना होगा खुशी से।
जनता का ये तोड़े विश्वास फिर भी कहे, हम सेवक है खास। जनता का ये तोड़े विश्वास फिर भी कहे, हम सेवक है खास।
बोलना करते हैं देते हैं बन्द जैसे इन्हें भी चुप्पी ही रास आई। बोलना करते हैं देते हैं बन्द जैसे इन्हें भी चुप्पी ही रास आई।
ना देखे वो मेरे सामने खड़ी परेशानी मेरे अपनों को दुख ना हो। ना देखे वो मेरे सामने खड़ी परेशानी मेरे अपनों को दुख ना हो।
जीवन एक निबंध सा लिखते जाओ। जीवन एक निबंध सा लिखते जाओ।
कब तलक यूं ही छुपाके सीने में, राज को अपनी तिजोरी में रखले ! कब तलक यूं ही छुपाके सीने में, राज को अपनी तिजोरी में रखले !