STORYMIRROR

Dr.Rashmi Khare"neer"

Abstract

3  

Dr.Rashmi Khare"neer"

Abstract

मेरे अपने

मेरे अपने

1 min
302

सहेज कर रखा है मैंने

मेरे अपने

रिश्तों की पोटली को

मेरे उसमें कुछ यादें भी है

दिल के एक कोने पर

निकाल कर उनको कुछ देर

प्यार से सहलाने के बाद।


रिश्तों को अपने प्रेम के

बंधन में बांध लेती हूं

मेरे अपने जो मुझसे बहुत दूर चले गए

मेरे दिल के बेहद करीब है

रिश्तों की पोटली कहीं बिखर ना जाए।


दिल की तिजोरी में संभाला है मैंने

ना देखे वो मेरे आंसू

ना देखे वो मेरे सामने खड़ी परेशानी

मेरे अपनों को दुख ना हो।


मेरे रिश्ते की पोटली

मेरे दिल के करीब

बहुत करीब रहे

मेरे अपने।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract