होली की प्रीत
होली की प्रीत
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पलाश आए की होली शुरू
नगाड़े की थापों से होली शुरू
सज गए रंग गुलाल
सज गई पिचकारियां
हो गई सजावट की होली शुरू
होलिका का जमावड़ा
माहौल गरमाया
धधक गई अब अग्नि
धुआं धुआं उठा कह रहा कि होली शुरू
नयन से नयन मिल रहे
शरमाया झिझकता दिल
गालों में रंग गए गुलाल
भीग गई अब तो सारी की होली शुरू
कहीं खुशी में चल रहे गीतों की महफ़िल
कहीं कोई किसी की याद में "नीर" भी
तड़प हर जगह है पिया मिलन की आस
दुख पर भारी तेरी प्रीत "रश्मि"की होली शुरू