फूलों की डाली अैार खिला दूँ प्यार की निशानी एक पुड़िया पान। फूलों की डाली अैार खिला दूँ प्यार की निशानी एक पुड़िया पान।
निकाल दिया उसी दिल से, जिस दिल में तुझे उतारा था। निकाल दिया उसी दिल से, जिस दिल में तुझे उतारा था।
नागाड़े की आवाज और मांदर की थाप पर नृत्य करते पुरूष एवं महिलाएं आज भी मुझे य... नागाड़े की आवाज और मांदर की थाप पर नृत्य करते पुरूष एवं महिलाए...
किसी युवती के जैसा धरती धूप के साथ ब्याह रचाती है। किसी युवती के जैसा धरती धूप के साथ ब्याह रचाती है।
कर गुंजन मधुकर रचता होली के छंद। कर गुंजन मधुकर रचता होली के छंद।
पलाश को छूती बसंती हवा पलाश को छूती बसंती हवा