हम युग-युग से तुम्हें प्यार करें, तुम मुझको गले लगाओ सनम ! हम युग-युग से तुम्हें प्यार करें, तुम मुझको गले लगाओ सनम !
तुम्हें नवगीत सुनाती हूँ बढ़ते जाओ, बढ़ते जाओ जीवन पथ पर आगे जाओ कभी ना रुकना तुम्हें नवगीत सुनाती हूँ बढ़ते जाओ, बढ़ते जाओ जीवन पथ पर आगे जाओ कभी ना रुकना
जो करता है मुझसे प्रेम फिर भला मैं क्यों न उससे प्रीत है निभाऊँ। जो करता है मुझसे प्रेम फिर भला मैं क्यों न उससे प्रीत है निभाऊँ।
चाहे राह अधर्म की, साथ नहीं छोड़े दोस्त, कर्ण ने निभाया ऐसी, रीत होना चाहिए चाहे राह अधर्म की, साथ नहीं छोड़े दोस्त, कर्ण ने निभाया ऐसी, रीत होना चाहिए
कुछ ही पलों की मुलाकात में,एक रोज यू ही जुड़ गई थी प्रीत तुमसे..दिन ब दिन गहरी होती रही ए प्रीतिबढ़ती ... कुछ ही पलों की मुलाकात में,एक रोज यू ही जुड़ गई थी प्रीत तुमसे..दिन ब दिन गहरी हो...
यादों में तुमने चैन चुराया यही है क्या प्रीत तुम्हारी। यादों में तुमने चैन चुराया यही है क्या प्रीत तुम्हारी।