प्रीत के बोल
प्रीत के बोल
कोई प्रीत के गीत सुनाओ सनम,
हमें अपना बोल सुनाओ सनम !
हम युग युग से तुम्हें प्यार करें,
तुम मुझको गले लगाओ सनम !
यह दूरियाँ, हमको पास तेरे,
आने को नहीं देती थी,
कितने दिन, चुपचाप रहे,
तुम जहर, विरह का पीती थी !
लहरा के तुम अब आ जाओ सनम,
हमें अपना बोल सुनाओ सनम !
हम युग युग से तुम्हें प्यार करें,
तुम मुझको गले लगा लो सनम !
ये चाँदनी रातें, भी हमको,
कुछ ऐसी खटकती, रहती थी,
मौसम के बदलते, लम्हों में,
बस एक शिकायत रहती थी !
अब और नहीं तड़पाओ सनम,
हमें अपना बोल सुनाओ सनम !
हम युग-युग से तुम्हें प्यार करें,
तुम मुझको गले लगाओ सनम !
कुछ हम बोलें, कुछ तुम बोलो,
कोई और ना हमको सुन पायें,
अपनी सुनहरी, यादों को हम दोनों,
मिलकर दुहरायें !
और करीब तुम आ जाओ सनम,
हमें अपना बोल सुनाओ सनम !
हम युग-युग से तुम्हें प्यार करें,
तुम मुझको गले लगाओ सनम !!
