जीवन रीत
जीवन रीत
तुम्हें नवगीत सुनाती हूँ
जीवन रीत सीखाती हूँ
सच बोलो और बोलो सच
झूठ से नाता तोड़ो
यही मैं धर्म सीखाती हूँ
तुम्हें नवगीत सुनाती हूँ
बढ़ते जाओ, बढ़ते जाओ
जीवन पथ पर आगे जाओ
कभी ना रुकना
यही मैं सीख सीखाती हूँ
तुम्हें नवगीत सुनाती
हाथ ना छोड़ो छोड़ो ना हाथ
मिलजुल कर तुम रहना साथ
यही मैं प्रीत सीखाती हूँ
तुम्हें नवगीत सुनाती हूँ
खुद जीना व जीने देना
दया जीव पर करना तुम
तुम्हें यह मंत्र बताती हूँ
तुम्हें नवगीत सुनाती हूँ
