अग्नि से ही शुरू होती अग्नि पर ही खत्म होती हम लोगों की जिंदगी। अग्नि से ही शुरू होती अग्नि पर ही खत्म होती हम लोगों की जिंदगी।
तुच्छ स्वार्थ हेतु तोड़ना अटूट विश्वास क्या यही प्यार है। तुच्छ स्वार्थ हेतु तोड़ना अटूट विश्वास क्या यही प्यार है।
सीता का सतीत्व, कब तक बचाये नारी। सीता का सतीत्व, कब तक बचाये नारी।
इसी तरह अनेक वीरों की आहुति से आजादी हमने गले लगाई। इसी तरह अनेक वीरों की आहुति से आजादी हमने गले लगाई।
सारे लोक के वह तारणहार, जितना भी करो इनका कम है आभार। सारे लोक के वह तारणहार, जितना भी करो इनका कम है आभार।
माता के संग रोज़ सुबह मैं , विद्यालय पढ़ने जाऊँगी। बाबा के आदर्शों पर चलकर , उनका नाम बढ़ाऊँगी। माता के संग रोज़ सुबह मैं , विद्यालय पढ़ने जाऊँगी। बाबा के आदर्शों पर चलकर , उ...