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Bhoop Singh Bharti

Tragedy

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Bhoop Singh Bharti

Tragedy

सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

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नारी सहती दर्द को, हरदम होकर मूक

ताने तन को चीर दे, उठे  कलेजे  हूक।


उठे कलेजे हूक, सदा ही पिसती आई

सीता की परीक्षा, अग्नि फिर लेगी भाई।


कह भारती देगी, अग्नि परीक्षा बिचारी

सीता का सतीत्व, कब तक बचाये नारी।


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