amolnanekar_writes
प्यार जैसे पाक जज़्बात से जुड़ कर इन्सान खुद को फ़रिश्ता मान बैठता है प्यार जैसे पाक जज़्बात से जुड़ कर इन्सान खुद को फ़रिश्ता मान बैठता है