कुंडलिया : "प्यार का रंग"
कुंडलिया : "प्यार का रंग"
बने निराली जिंदगी, इक दूजे के संग।
जीवन के हर रूप में, रहे प्यार का रंग।
रहे प्यार का रंग, क्षीण हो शनि की ढैया।
प्यार बने पतवार, पार हो जीवन नैया।
कहे भारती गजब, प्रेम की अद्भुत लाली।
जीवन में हो प्रेम, जिंदगी बने निराली।