Bhoop Singh Bharti
Inspirational
जन सेवा की भावना, रहे दिलों के बीच।
कर्मयोगी बने वही, कभी करे ना टीच।
कभी करे ना टीच, मदद का भाव जगाए।
आत्मबल से युक्त, हो सम्मान भी पाए।
कर्तव्य हो कमजोर, मिले ना कोई मेवा।
जाग्रित होकर खूब, करो मिलकर जन सेवा।
झूमता बसंत है
कुंडलिया : "म...
कुंडलिया
कुंडलिया : "प...
हाइकु : नव वर...
रैड क्रॉस
गीत
वस्त्र शरीर का आवरण, व्यवहार है मन की पूंजी, वस्त्र शरीर का आवरण, व्यवहार है मन की पूंजी,
मुझे आता है बस अभिनय करना रिश्तों के चरित्र में ढलकर… बँट जाना घर के कमरों की तरह जिस कमरे में जाओ उ... मुझे आता है बस अभिनय करना रिश्तों के चरित्र में ढलकर… बँट जाना घर के कमरों की तर...
लाखों पीड़ा ह्रदय में समेटे तुम सब का बिहार हूँ मैं! लाखों पीड़ा ह्रदय में समेटे तुम सब का बिहार हूँ मैं!
चाह नहीं मैं किसी महल की , कोई चोटी या कंगूरा हूँ. चाह नहीं मैं किसी महल की , कोई चोटी या कंगूरा हूँ.
हॉं हॉं डर मत, मार छलॉंग, जरा जोर से रख अपनी मॉंग। हॉं हॉं डर मत, मार छलॉंग, जरा जोर से रख अपनी मॉंग।
मैं हूँ कवि , हैं काव्यमय मन-प्राण मेरे । तुम मुझे कोई नई सरगम सुना दो। मैं हूँ कवि , हैं काव्यमय मन-प्राण मेरे । तुम मुझे कोई नई सरगम सुना दो।
सच्चा ज्ञान ही इस दुनिया में असली पावर होता है। सच्चा ज्ञान ही इस दुनिया में असली पावर होता है।
तुम दर्द को मुस्कराहट में दबा दो, तुम हर गम को दिल से हटा दो। तुम दर्द को मुस्कराहट में दबा दो, तुम हर गम को दिल से हटा दो।
नवलेखकों का अंग्रेजी के तरफ बढ़ता प्रेम मान्य है परंतु हिंदी से प्रेम ना कर पाना उचित नहीं । - विद्रो... नवलेखकों का अंग्रेजी के तरफ बढ़ता प्रेम मान्य है परंतु हिंदी से प्रेम ना कर पाना ...
कहानी थी, अँधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा I कहानी थी, अँधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा I
जो अँधेरा मुझे निगल गया था वही मेरी बच्ची के भविष्य की ओर बढ़ रहा था लेकिन अब मेरे विद्रोह के ज्वाल... जो अँधेरा मुझे निगल गया था वही मेरी बच्ची के भविष्य की ओर बढ़ रहा था लेकिन अब म...
माँ बाप के बिगड़े बच्चे, संस्कारों को भूलते बच्चे, क्या लड़का, क्या लड़कियां, क्या नौजवान माँ बाप के बिगड़े बच्चे, संस्कारों को भूलते बच्चे, क्या लड़का, क्या लड़कियां, क...
भावों को शब्दों में भरकरपन्नों पर बिखराते हैं जोबंजर मन में नेह-सुमन कीनूतन पौध लगाते हैं जो भावों को शब्दों में भरकरपन्नों पर बिखराते हैं जोबंजर मन में नेह-सुमन कीनूतन पौध ...
गलत शब्द प्रयोग करें तो होती है बड़ी निराशा। गलत शब्द प्रयोग करें तो होती है बड़ी निराशा।
मेरे मुल्क़ में फिर से पैदा हों गाँधी, भगत, और आज़ाद। इंकलाब जिंदाबाद ! मेरे मुल्क़ में फिर से पैदा हों गाँधी, भगत, और आज़ाद। इंकलाब जिंदाबाद !
आंसू मोती से अनमोल , विक्षिप्त होकर न व्यर्थ बहाओ। आंसू मोती से अनमोल , विक्षिप्त होकर न व्यर्थ बहाओ।
ना जाने कैसे उसकी माँ रात भर सोए होगी, उसके सीने में गोली लगने से पहले वो रोई होगी। ना जाने कैसे उसकी माँ रात भर सोए होगी, उसके सीने में गोली लगने से पहले वो रो...
मुस्कराकर अपनी ही ख्वाहिशों को तोड़ देता है शायद उसे ही पिता कहते हैं। मुस्कराकर अपनी ही ख्वाहिशों को तोड़ देता है शायद उसे ही पिता कहते हैं।
भारत के वीर सपूत,देश हित जान गंवाई अपनी जान दी कभी गर्दन नहीं झुकाई। भारत के वीर सपूत,देश हित जान गंवाई अपनी जान दी कभी गर्दन नहीं झुकाई।
चलते चलते ज़िन्दगी के सफर में, शायद सच्चा हमराही मिल जाए। चलते चलते ज़िन्दगी के सफर में, शायद सच्चा हमराही मिल जाए।