Bhoop Singh Bharti
Inspirational
जन सेवा की भावना, रहे दिलों के बीच।
कर्मयोगी बने वही, कभी करे ना टीच।
कभी करे ना टीच, मदद का भाव जगाए।
आत्मबल से युक्त, हो सम्मान भी पाए।
कर्तव्य हो कमजोर, मिले ना कोई मेवा।
जाग्रित होकर खूब, करो मिलकर जन सेवा।
झूमता बसंत है
कुंडलिया : "म...
कुंडलिया
कुंडलिया : "प...
हाइकु : नव वर...
रैड क्रॉस
गीत
चित्रकार अपनी तूलिका से गढ़ता है चित्र बिखरी थी कल्पनाओं में जो तस्वीरें अनगिनत। चित्रकार अपनी तूलिका से गढ़ता है चित्र बिखरी थी कल्पनाओं में जो तस्वीरें अनगि...
यह जीवन है रिश्तों का गुलदस्ता ; यह बात तुम सब भी मन में जानो। यह जीवन है रिश्तों का गुलदस्ता ; यह बात तुम सब भी मन में जानो।
एक ही आचार विचार एक अभिवादन यार, एकता का विश्व में प्रचार हो ।। एक ही आचार विचार एक अभिवादन यार, एकता का विश्व में प्रचार हो ।।
आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता है आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता है
बस इतना ही तो है.... जिंदगी का सफर!!" बस इतना ही तो है.... जिंदगी का सफर!!"
ख्वाबों के आसमान जहां भरते रहें ऊंची उड़ान ख्वाबों के आसमान जहां भरते रहें ऊंची उड़ान
पाकर तेरा स्पर्श नेह तन में नवजीवन आता है। पाकर तेरा स्पर्श नेह तन में नवजीवन आता है।
लेकर चले हम ज़िन्दगी। क़ाफ़िलों में ज़िन्दगी।। कभी धूप के,कभी छाँव के- सिलसिलों में। लेकर चले हम ज़िन्दगी। क़ाफ़िलों में ज़िन्दगी।। कभी धूप के,कभी छाँव के- ...
देखो कैसा दृश्य देखने को है मिला, मानव और जानवर के बीच हो रहा संग्राम है। देखो कैसा दृश्य देखने को है मिला, मानव और जानवर के बीच हो रहा संग्राम है।
चलो युद्ध को विराम दें अब कुछ नहीं करना कुछ भी नहीं। चलो युद्ध को विराम दें अब कुछ नहीं करना कुछ भी नहीं।
गुज़रे वक्त की धूल ही सही , इंतहाई सफर का एहतराम करता हूँ मैं। गुज़रे वक्त की धूल ही सही , इंतहाई सफर का एहतराम करता हूँ मैं।
जिंदगी का असली पता श्मशान घाट में मिला था कुछ कटा-फटा धू-धू कर जल रहा था । जिंदगी का असली पता श्मशान घाट में मिला था कुछ कटा-फटा धू-धू कर जल रह...
वय से पहले वृद्ध होने का कर रहे प्रबंध। वय से पहले वृद्ध होने का कर रहे प्रबंध।
बस इतनी-सी है जिंदगी इतनी सी आदमी की औकात। बस इतनी-सी है जिंदगी इतनी सी आदमी की औकात।
दूसरों का सहारा बनो बनो सुबह की नरम धूप तुम। दूसरों का सहारा बनो बनो सुबह की नरम धूप तुम।
हमारा जीवन, जल पर निर्भर, वो नदी, नालों और झरनों से मिलता। हमारा जीवन, जल पर निर्भर, वो नदी, नालों और झरनों से मिलता।
शब्द में जो मनन का समावेश हो, बात कोई बुरी हो ही सकती नही। शब्द में जो मनन का समावेश हो, बात कोई बुरी हो ही सकती नही।
है सब कुछ यही अभी संभव नहीं कुछ भी ऐसा जो हो असंभव। है सब कुछ यही अभी संभव नहीं कुछ भी ऐसा जो हो असंभव।
सारे जग में हिन्दी शान से बोली जाती है, शिखर से भाषा की सरिता बहती जाती है ! सारे जग में हिन्दी शान से बोली जाती है, शिखर से भाषा की सरिता बहती जाती है !
दीपक कुछ नहीं पर अंधेरे के लिए काल होता है। दीपक कुछ नहीं पर अंधेरे के लिए काल होता है।