झूमता बसंत है
झूमता बसंत है
फूलों में, कलियों में, पत्तों में, फलियों में,
गाँव की गलियों में, प्यार के छलियों में,
झूमता बसन्त है।
रंगों में, अंगों में, प्रेम के प्रसंगों में,
बागों में, बहारों में, गांवों में, बाजारों में,
झूमता बसन्त है।
बच्चों में, जवानों में, बूढ़ों में, सयानों में,
दीवानों परवानों में, मेरे-तेरे अरमानों में,
झूमता बसन्त है।
एक में, लाखों में, प्यार भरी आंखों में,
सरसों के फूलों में, प्रीत के झूलों में,
झूमता बसन्त है।
गेंदा में, गुलाब में, आफताब माहताब में,
फितरत में, कुदरत में, मोहब्बत में, नफरत में,
झूमता बसन्त है।
हंसने में, मुस्काने में, अदा में इतराने में,
प्यार में, जलन में, विरह में, मिलन में,
झूमता बसन्त है।
नदियों में, पहाड़ों में, गर्मी में, जाड़ों में,
दिन में रात में, बातों ही बात में,
झूमता बसन्त है।