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SMRITI SHIKHHA

Inspirational

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SMRITI SHIKHHA

Inspirational

वो माता पिता मेरे बड़े महान है

वो माता पिता मेरे बड़े महान है

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अभिभावक हैं वो मेरे जो इस दुनिया मे लगते मेरे सबसे अपने हैं जिन्होंने है मुझे अपनापन का मतलब सही मायना सिखाया और समझाया


जिनसे ज़्यादा इस दुनिया में दे ना पायेगा कोई मुझे प्यार और ना आज तक मिला है मुझे कोई जो करता है मुझसे वाकई मेरे अभिभावक जैसे प्यार 


देते मुझे इतना स्नेह करते मेरे इतना देखभाल हैं जैसे मैं हीं हूं उनका सब कुछ नही है मेरे अलावा कोई उनका 


जिनके वजह से आई मैं आज इस दुनिया में हूं रेहेते इस दुनिया में और उनके जीवन में इतनी सारी कट्ठीनायीयां


मिल कर है पाला मेरे अभिभावक ने मुझको होती इतनी मुश्किलें और तकलीफें ज़िंदगी में उनके हो कर पूरा परिवार उनके खिलाफ ।




वो बच्चे होते बहुत खुशकिस्मत हैं जिनके होते अभिभावक हैं जो रखते उनके हर वक्त खयाल है चाहे हो ना हो उनका कोई और साथी 


होते अभिभावक उन बच्चों के पूरी दुनिया जिनका होता नहीं कोई सच्चा दोस्त या साथी जिससे केहे पाए वो उनके अपने 


मिलते अभिभावक किस्मत से बहुत हीं कम जनों को जिनका कर नही पाते ईश्वर खयाल 


देते वो उन्हे रखने उनका खयाल उनके लिए उनके जन्म दाता और जननी जो देती उन्हें जन्म है 


रख कर एवं पाल पोस कर उनको उनके कोक में नौ महीने उनके माताओं ने दिया है उनको जन्म और बड़े होने के बाद करते पिताजी उनके सारे शौक एवं ख्वाहिशें पूरी बिना मांगे बदले में कुछ उनके बच्चों से ।




कुछ होते ऐसे लोग हैं जो जानते नही अभिभावक के कीमत उनके मोल उनके ज़िंदगी में 


जिसके लिए हो कर सच्चाई से बेखबर करते हैं वो उनका अनादर उनका अपमान देते उन्हे बहुत कष्ट बहुत पीड़ा हैं 


जिससे सोच कर वो बच्चे कर देते हैं वो अभिभावक उन्हे माफ होता आखिर वो उनका खून है 


कैसे केहे दें वो उन्हे कुछ आखिर जन्म जो दिया है उनको वो माता पिता ने जिन्होंने रखा है अपने कोक में उस बालक को नौ महीने 


कैसे वो कर दे या होने दे उसका तिरस्कार जिसको लग जाने से ज़रा सा चोट पद जाती है उनकी दिल में चोट का निशान होते ऐसे वो अभिभावक वो माता पिता हैं वो खाले अपने बच्चे के लिए अपने बच्चे से चाहे जितनी गाली वो सुन न सकेंगे किसी और के मुं से उसकी बुराई।




हैं मेरे अभिभावक महान जो हैं मेरे लिए हैं भगवान के समान जिनके बिना रेहे में एक पल नही पाती 


जो हैं मुझे संभालते सालों से हैं आए उठाते मेरे हर नखरे करते मेरी हर एक ख्वाशीष पूरी 


मांगे नहीं मुझसे आज तक और अब तक कुछ भी मगर मेरे हर मांग हर चाहत वो करते हैं पूरी 


बिना मांगे हैं वो समझ जाते मेरी मांग मेरी चाहत और बिना मेरे पूछे कर वो देते उससे मेरे सामने हाज़िर


ऐसे मां बाप हो जिनके होते वो बड़े किस्मत वाले हैं जो करते अपनी बेटी पर पूरा भरोसा हैं नही हैं वो करते उसके किसी किए पर कोई सवाल ।



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