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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

*जल हैं तो कल हैं *

*जल हैं तो कल हैं *

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गए ज़माने जब पनघट पर जाते थे...

   ...............पानी भरने के लिए,

अब ना ही घट रहे ना ही पनघट रहे....

...............बाल्टीयाँ नल से भर लिए,


नलों में पानी आता हैं जरुरतों के लिए...

............... ऊपर टोंटी हैं घुमाने के लिए,

व्यर्थ बहता रहता पानी बेपरवाह हुए.....

........... बस अंधाधुंध वापरने के लिए।।


प्रकृति की इस सौगात को हल्के से लिए..

...........पानी बोतलों में भरते बेचने के लिए 

अति/ओलावृष्टी बनता कहर बरपाने के लिए 

.......जल हैं तो कल हैं भविष्य के लिए।


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