अंतस की यात्रा
अंतस की यात्रा
बाहर के पाखंड को बिसराओ,
एक बार अंतस की यात्रा कर आओ!
जीवन पहले से बहुत बेहतर लगेगा,
एक बार इस प्रयोग को ज़रूर दोहराओ!
बाहर है मात्र दिखावे का आडम्बर ,
जो तन मन को करता है चंचल !
अंतस में है गहरी शांति और सुकून,
जो मन को बनाए सदा स्वस्थ निर्मल !
यथासंभव बाह्य प्रभाव से रहें बचकर,
अंतस की ओर मोड़ लें अपने कदम !
मन मंदिर में भी होते हैं प्रभु के दर्शन,
अगर करके रखें इन्द्रियों पर नियंत्रिण।
