अपने लगाए हुए जंगल में भटकाव का आनन्द लेते हुये। अपने लगाए हुए जंगल में भटकाव का आनन्द लेते हुये।
अभी तो जिल्द है पुस्तक बांचना शेष है। अभी तो जिल्द है पुस्तक बांचना शेष है।
हर एक पदार्थ को, मैं ऐसा ही हूं क्योंकि मैं भारत हूं। हर एक पदार्थ को, मैं ऐसा ही हूं क्योंकि मैं भारत हूं।
अंधियारा दूर हो प्रेम का नूर हो हर जाति में प्यार हो अंधियारा दूर हो प्रेम का नूर हो हर जाति में प्यार हो
मगर अभी भी आस है, बाकी चाहे बना दे कितनी भी दूरियां। मगर अभी भी आस है, बाकी चाहे बना दे कितनी भी दूरियां।
कोरोना नै खोल दी, पाखंडों की पोल। कोरोना नै खोल दी, पाखंडों की पोल।