मैं भारत हूं - 3
मैं भारत हूं - 3
मैं भारत हूं
वही भारत जहां
पूजा जाता है नदियों को
माता के समान।
वही भारत जहां
पूजा जाता है वृक्षों को
देवों के समान ।
वही भारत जहां
पूजा जाता है सूर्य को
पिता के समान।
वही भारत जहां
पूजा जाता है पशुओं को
किसी न किसी रूप में।
वही भारत जहां
पूजा जाता है प्रकृति को
नियामक के रूप में।
वो लोग जो मुझे
जानते पहचानते नहीं हैं
मानते हैं इन सब को पाखंड
पर वो ये नहीं जानते कि
हर चर अचर पदार्थ का
अपना एक महत्व है
इसीलिए पूजा जाता है वो।
इसीलिए मैं देता हूं सम्मान
हर एक पदार्थ को,
मैं ऐसा ही हूं क्योंकि
मैं भारत हूं।