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Neeraj pal

Abstract

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Neeraj pal

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मैया तेरी याद में।

मैया तेरी याद में।

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उसी की याद में जीना है, उसी की याद में मरना है

हर श्वास उसी की हो, ऐसा काम हमें करना है


खुली मधुशाला उसकी, जहां पर जाम पर जाम आते हैं

कमी उसकी नहीं लेकिन, खाली पिए ही लौट आते हैं


लुटाती वो अपनी रहमतों, को दोनों हाथों से लेकर

हाय रे !हमारी किस्मत वहां पर भी बैठे रहते दुनिया को लेकर


कई रूप है उसके, कई नाम है उसके

नहीं समझ पाते कि, कितने इरादे नेक है उसके


दुखों में सिर्फ लबों पर, उनका ही नाम होता है

मतलब हुआ तो तू उसका ही नाम लेता है


देखे हैं कई पाखंड, जो ठगा करते हैं ममता को

मगर आज भी मौजूद हैं, गर जज्बा हो मिलने को


जिन्हें है लौ लगी उसकी, मोहब्बत को पाने की

उसे पागल करार देती दुनिया, चिंता नहीं जमाने की


बहुत ही कष्ट दाई लगती, अब यह तेरे बिन दुनिया

मगर अभी भी आस है, बाकी चाहे बना दे कितनी भी दूरियां।


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