जिंदगी।
जिंदगी।
पल दो पल की है ये जिंदगानी,
कल हो न हो किसने है जानी।
बीता बचपन कब आई ज़वानी,
पग-पग पर बनती नित नई कहानी।
बीते लम्हों पर पर्दा तुम डालो,
खुल कर जी लो और मुस्कुरालो।
जिंदगी है एक सफर सुहाना,
चलते ही रहना कभी रुक मत जाना।
गाते चलो कुछ प्यार भरे नगमें,
बसाते चलो सबको बस दिल में।
गुमशुदा जिंदगी गर चाहते दोहराना,
नीरज सर्वस्व तुम बेफिक्र लुटाना।