मनोबल
मनोबल
जब जुबाँ न बयां कर सके
इस दिल की कैफियत को
आँखें लेती हैं तब
इन अश्कों का सहारा
चाहे कितने ही बिखरे हो रंग चहूं ओर
हृदय का अंधियारा मिटा सके न कोई और
केवल खुद का मनोबल ही कर सके
हृदय के दीपक को रौशन
खुद पर विश्वास ही हैं
हर समस्या का समाधान
कि लगे अगर तन्हा हो तुम इस जहाँ में
हौसले और हिम्मत से हाथ मिलाओ
सूरज ,चाँद भी चमकते हैं तन्हा फलक पर
पर करते निरंतर इस जग को रौशन
प्रातः करते हमारा मार्ग प्रशस्त
कि हर उजाला हरता अंधियारे को।।
