आराधना
आराधना
माता पिता ही है काशी ,माता पिता ही है काबा
आप पर वार दूं यह अपना जीवन सारा।।
हमारे हवाले करके जीवन के हर सुख।
अपने आँचल से बुहार दिए हमारे सारे दुख।।
आपने ही दिखाया जीवन के।
हर कठिन पल मे उजियारा।।
आपसे ही तो हैं अस्तितव यह मेरा।
मेरे हर मान सम्मान पर पहला हक तेरा।।
आपके दिये शिक्षा एवं संस्कार।
ही है मेरे खुशहाल घर संसार का आधार।।
आपके रहने से है संसार की सारी खुशियां।
हमेशा यू ही महकती रहे मेरे घर आँगन की बगिया।।
करती हू बार बार आपको प्रणाम।
मेरी हर गलती पर दे दो क्षमादान।।
आपके जैसा न और कोई दूजा।
आप ही मेरा ईश्वर आप ही मेरी पूजा।।