अतीत की गुफ़ा
अतीत की गुफ़ा
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अतीत की गुफ़ा में दफ्न यादें
कभी प्रेतात्मा बन
आतंकित करतीं
तो कभी नन्हा सा बालक बन
स्नेह की फुहार से
अन्तर्मन तक नहला देतीं
और प्रेरित करती जीवन को
अंक में भर लेने को
लेकिन फिर तभी
नकारात्मकता की बौछारें
अन्तर्मन तक को त्रस्त
कर देतीं
जैसे चिलचिलाती धूप से त्रस्त देह
ढूँढती हैं पेड़ की छाँव
वैसे ही
त्रस्त मन ढूँढता है
सकारात्मकता की छाँव
जो निश्छल बालक की भाँति
घावों पर लगा दे मरहम
और जी लूँ एक बार फिर
भर जीवन अपने अंक में।