और उनके साथ खत्म हो रहा था जंगल का अस्तित्व धरती कि देह फि... और उनके साथ खत्म हो रहा था जंगल का अस्तित्व ...
अहम भाव से बाहर नहीं आ पाती स्वंय में स्व को बांधकर स्वंय को खोज नहीं पाती अहम भाव से बाहर नहीं आ पाती स्वंय में स्व को बांधकर स्वंय को खोज नहीं पाती
लूट कर वो चोर मेरी, गाढ़ी कमाई ले गया। बावला सा चीखता- चिल्लता मैं दौड़ता गया ! लूट कर वो चोर मेरी, गाढ़ी कमाई ले गया। बावला सा चीखता- चिल्लता मैं दौड़ता...
विगत नेह का स्मृद्ध फलक बयां करती है। विगत नेह का स्मृद्ध फलक बयां करती है।
वह चीन की बड़ी दीवार में टहलने के समय या दूर से देखते हुए। वह चीन की बड़ी दीवार में टहलने के समय या दूर से देखते हुए।
विरले ही होते हैं जो पहुंच पाते हैं रूह के करीब। विरले ही होते हैं जो पहुंच पाते हैं रूह के करीब।