रूह के रिश्ते
रूह के रिश्ते
बस जाते हैं जो रूह में
वही अपने होते हैं
रूह तक पहुंचने के हो सकते हैं
कई मार्ग जैसे
दिल, दिमाग या देह
कई विकल्प जैसे
भावनाएं ,परिस्थितियां या संयोग।
रूह तक पहुंचने के प्रयास में
कुछ लोग रह जाते हैं
दिलो- दिमाग की
कशमकश में उलझ कर
और कुछ देह के आस्वादन
से आगे नहीं बढ़ पाते।
लाखों की भीड़ में कुछ
विरले ही होते हैं
जो पहुंच पाते हैं
रूह के करीब।
