मुझे सिर्फ मेरी मां चाहिए...
मुझे सिर्फ मेरी मां चाहिए...
ना कोई दिन विशेष चाहिए,
ना कोई प्रोग्राम खास चाहिए।
वही ममतामयी गोदी चाहिए,
और उसके पल्लू की छाँव चाहिए ।
मेरी चोट पे उसकी विचलित आह चाहिए।
आँखों में आंसू और स्नेह का भंडार चाहिए।
ना लोगों की भीड़ चाहिए,
ना झूठा व्यवहार चाहिए।
गलती पे सुधार वाली फटकार चाहिए,
उसके मुख से मेरे नाम की पुकार चाहिए।
हौसला देने वाली कंधे पर थप्पकार चाहिए,
उसका स्नेह, बस उसी का प्यार चाहिए।
सिर पे सदा उसका हाथ चाहिए,
मुझे सिर्फ मेरी मां चाहिए,
मुझे सिर्फ मेरी मां चाहिए...
