उसने मांगी थी खुशी
उसने मांगी थी खुशी
1 min
345
उसने मांगी थी खुशी,
मैंने गम हजार दिए।
खुशियों से सजानी थी राहें उसकी,
गम ही गम बस बिखेर दिए।
उसने मांगी थी खुशी...
देखे थे जो सुंदर सपने,
सब तोड़ तार तार किए।
उसने मांगी थी खुशी...
कभी था जो नायक ख्वाबों का,
बन खलनायक जुल्म बेशुमार किये।
उसने मांगी थी खुशी...
देवता समझा था जिसे उसने,
उसी ने प्रेम के मंदिर बर्बाद किए।
उसने मांगी थी खुशी...