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सजीव प्राणियों से लेकर निर्जीव वस्तुएं सब के सब स्वागत की तैयारी में लगे है। सजीव प्राणियों से लेकर निर्जीव वस्तुएं सब के सब स्वागत की तैयारी में लगे है।
अभिव्यक्ति का माध्यम सांकेतिक न होकर आलौकिक हो, तब वह प्रेम है। अभिव्यक्ति का माध्यम सांकेतिक न होकर आलौकिक हो, तब वह प्रेम है।
मुझे जब वो प्यार से बड़े पापा बुलाती है तो मन आत्मा झंकृत हो जाते है मुझे जब वो प्यार से बड़े पापा बुलाती है तो मन आत्मा झंकृत हो जाते है
विविधताओं से भरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोया। विविधताओं से भरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोया।
परन्तु उन मनभावन प्राकृतिक दृश्यों की आनन्ददायी अनुभूति प्रतिपल महसूस होती है। परन्तु उन मनभावन प्राकृतिक दृश्यों की आनन्ददायी अनुभूति प्रतिपल महसूस होती है।
पिता स्वरूप घर के आँगन का विशाल व छायादार वृक्ष आज गिर गया। पिता स्वरूप घर के आँगन का विशाल व छायादार वृक्ष आज गिर गया।
पर जिसके विचार मात्र से ही विश्वासघात और ठग्गी का अहसास हो जाता है...? पर जिसके विचार मात्र से ही विश्वासघात और ठग्गी का अहसास हो जाता है...?
शुद्धता व सहज अभिव्यति बालस्वरूप में देवनुभूति के दर्शन मात्र है, जो मैं आज भी महसूस क शुद्धता व सहज अभिव्यति बालस्वरूप में देवनुभूति के दर्शन मात्र है, जो मैं आज भी म...
बच्चों को तो इतना चाव होता था कि रात्रि में बेसब्री से लाइट जाने का इंतज़ार करते बच्चों को तो इतना चाव होता था कि रात्रि में बेसब्री से लाइट जाने का इंतज़ार करते
सोचता हूँ भगवान भी उसी की सहायता करते हैं जो स्वयं की सहायता का हौसला रखते हों । सोचता हूँ भगवान भी उसी की सहायता करते हैं जो स्वयं की सहायता का हौसला रखते हों ...