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Vikrant Kumar

Inspirational

4  

Vikrant Kumar

Inspirational

राजा तो वही..

राजा तो वही..

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धरा के कपाल पर,

पगों की टंकार से

रास्ते जो बना दे।

गर्दिशों के शूल में,

हिम्मतों की धूल से,

परचम जो फहरा दे।


संकट विकट भले निकट,

दृढ़ होंसलों के तूफान से

 सब संशय जो मिटा दे।


नाम से कौन बनता नृप ???

राजा तो वही...

कर्म के उत्कर्ष से,

राह जो दिखा दे।



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