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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

आज

आज

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आज हमें वन्देमातरम गाना है

भारत माँ को शीश नवाना है

करते है जो वतन से गद्दारी

आज उन्हें सबक सिखाना है


रहते है हिन्द में,

गीत गाते है पड़ोसी के,

आज उन्हें नानी याद दिलाना है

बरसों तक देखा हमने अंधेरा है,

आज सत्य को बाहर लाना है

आज हमें वन्देमातरम गाना है


टूट गई थी जिनसे नींव हमारी

आज उन कच्चे पत्थरो को

देश की नींव से हमे हटाना है

घड़ियाल से आंसू बहाने वाले

हम जनता को मूर्ख बनानेवाले

आज उन नेताओं को 

अपना धर्म याद दिलाना है

आज हमें वन्देमातरम गाना है


सरहद की सुरक्षा करनेवाले

हमारी हिफ़ाज़त करनेवाले

आज उन सैनिकों के सम्मान में

हमें वन्देमातरम गीत गाना है


अपने काम जो गलत करते है

रिश्वत,असत्य पर जो चलते है

आज मीडिया के द्वारा,

हमें उनका नक़ाब हटाना है

आज हमें वन्देमातरम गाना है


मेरा भारत पहले विश्वगुरु था

आज फ़िर इसे विश्वगुरु बनाना है

ये देश गुलाब सा बहुत सुंदर है

इसमें फैली नफ़रत के शूलों को,

प्यार के भाईचारे से मिटाना है


ख़ुद के स्वार्थ को भूलाकर

आज देश हित मे जान भी गंवाना है

ये देश जितना हिंदुओ का है,

उतना मुसलमानो का भी है


आज सभी धर्मों की चादर

भारत माँ को ओठाना है

जन्नत से भी ज़्यादा सुंदर

भारत माँ की तस्वीर बनाना है

आज हमें वन्देमातरम गाना है।


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