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Sudha Sharma

Inspirational

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Sudha Sharma

Inspirational

कभी निराश न होना निराशा भाव

कभी निराश न होना निराशा भाव

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 निराशा भाव न मन में लाना तुम भरपूर जवानी में,

कमल हमेशा खिलता है कीचड़ और पानी में ।


पंकज नाम है उसका पर पंक नहीं लिपटी है 

देवो के सिंहासन की शोभा पंकज होती है 

पंक का न साहस इतना, असर अपना दिखा पाए

अपनी धूमिल छाया से, तन मेला कर पाए 

पंकज और पंक की निर्लिप्त अजब कहानी में

कमल हमेशा खिलता है कीचड़ और पानी में 


निराशाओं को न गले लगाओ चाहे कितना मनुहार करे

 दूर से फटकारो वो जब भी  तुम पर वार करे

 हृदय में हो औज और सकारात्मक वाणी हो 

घने  तमस में लिखोगे वो उजाले की अमर कहानी हो

 भाग्य तुझको खोजेगा अपनी हारी हुई  निशानी में 

कमल हमेशा खिलता है कीचड़ और पानी में 


सभी सफल लोगों का इतिहास उठाकर देखो न 

उनके अद्भुत संघर्षों की कहानी बांच कर देखो न

 मिल जाएगी प्रेरणा तुमको उनके अमर इतिहास में 

गंभीरता से विचार करो कभी लो न उन्हें परिहास में 

धरती अंबर एक किया सफलता की अजब रवानी में

 कमल हमेशा खेलता है कीचड़ और पानी में 


आंधी आई तूफां आए, हार न उन्होंने मानी थी 

नित नये संघर्षों से लड़ती स्वाभिमान जवानी थी 

हिमालय का शीश झुकाना जिद यह मन में ठानी थी 

लहरों का गर्व चूर करना, सागर से यारानी थी 

हीनता मन में न आने पाए अभियान की सफल कहानी में 

 कमल हमेशा खिलता है कीचड़ और पानी में।


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