हिंदुत्व
हिंदुत्व
मानव की ठंडी पड़ी रगों में भरता अद्भुत जोश है।
शोषित वर्ग का सदियों से एक रोष है आक्रोश है।
हिंदुत्व कोई धर्म नहीं एक जोश है एक होश है।।
यह राम की मर्यादा है और कृष्ण का उपदेश है।
भगवान बुद्ध महावीर की सत्य अहिंसा विशेष है।
तुलसी सूर की निर्गुण भक्ति कबीर का निर्गुण ब्रह्म है।
दयानंद का वेद ज्ञान धर्म प्रचार विवेकानंद का है।
यह परशुराम का क्रोध है औ महर्षि मनु का शोध है।
पाणिनि का पावन योग है संजीवनी सा निरोग है।
यह गंगा की पावनता स्थिर प्रज्ञहिमालय आगोश है
हिंदुत्व कोई धर्म नहीं एक जोश है एक होश है।।
गुरु गोविंद की हुंकार है गुरु नानक की गुरबाणी है
बलिदान है तेग बहादुर का व हकीकत की जवानी है
राणा प्रताप की शपथ है महाराज शिवा की कहानी है
पृथ्वीराज की आन है जांबाज पुरु की निशानी है
न्याय है विक्रमादित्य का पन्नाधाय की कुर्बानी है
आजाद, बिस्मिल का जीवन है भगतसिंह की रवानी है
प्राण वायु सम शब्द है यह भरता सभी में जोश है ।
हिंदुत्व कोई धर्म नहीं एक होश है एक जोश है।
गऊओं को माता कहता है प्रकृति पूजा करता है।
केवल ईश्वर से डरता है कण-कण में ईश बसता है ।
चाणक्य जैसे गुरु यहां साराभाई से विज्ञानी है।
सावरकर,सुभाष, सुखदेव चंद्रशेखर स्वाभिमानी है।
शून्य विश्व को बतला कर बने ज्ञान की सीढ़ी है ।
हम आर्यभट्ट,चरक, सुश्रुत धनवन्तरी की पीढ़ी है
श्वेत शांति कपोत बन फिर जग में भरते होश हैं।
हिंदुत्व कोई धर्म नहीं एक होश है एक जोश है।।
यहां सीता-सी पावनता है हारी जिससे दानवता है।
यहाॅं शंकर विष पी लेते हैं मानवता हित जी लेते हैं ।
यहां दान धर्म की परंपरा मिल-बांटकर कर खा लेते हैं।
यह अर्जुन का गांडीव है और परशुराम का परसा है ।
वसुधैव कुटुंबकम कहता है देख सभी को हरसा है ।
सर्वे भवंतु सुखिनः की मन में कामना धरता है ।
यहां सब धर्मों का आदर मन में प्रेम सत्य आलोक है।
हिंदुत्व कोई धर्म नहीं एक जोश है एक होश है ।।
यह रक्षण हेतु युद्ध करे आक्रमण हेतु न शस्त्र धरें ।
सद्वृत्ति का आचमन करता दुष्प्रवृत्ति छोड़ा करता।
यह कृष्ण बांसुरी मधुर गान कुरुक्षेत्र का गीता ज्ञान है।
दिलों पर राज किया करता यह विश्व विजेता महान है।
यह आपला, घोषा, गार्गी का ज्ञान है विज्ञान है।
रहता भोगों में लिप्त नहीं नारी का सदा सम्मान है।
परनारी माता सम माने संस्कार में इतना होश है।
हिंदुत्व कोई धर्म नहीं एक जोश है एक होश है।।
यहां रामदेव का योग है बालकृष्ण निश्चल निरोग है।
सरोजिनी लता सी कोकिला, रूप लक्ष्मी अहिल्या रोबिला।
आदित्यनाथ योगी हुंकार है, मोदी की प्रखर दहाड़ है।
अंतरिक्ष शिव शक्ति धाम है,प्रज्ञान रोवर सफल अभियान है
यहां कलाम मिसाइल मेन है, सचिन क्रिकेट का भगवान है
यह अटल अखंड सी मूर्ति है, सब की आत्मा में बसती है
हर हिंदू का श्रद्धा स्रोत है, भरता हृदय में जोश है
हिंदुत्व कोई धर्म नहीं एक होश है एक जोश है।। डॉ सुधा शर्मा आर्या मेरठ की कलम से
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