STORYMIRROR

Pinki Khandelwal

Inspirational

5  

Pinki Khandelwal

Inspirational

लड़की और समाज के बीच होता संवाद...मुझे जीना है जीने दो न...।

लड़की और समाज के बीच होता संवाद...मुझे जीना है जीने दो न...।

2 mins
34


लड़की - 

खुले आसमां में पंख फैलाकर उड़ना है,

पंखों को फ़ैलाने दो न,

परिंदों की उड़ान को चीरकर आकाश में जाना है,

मुझे जीना है जीने दो न,


समाज -

ए लड़की तुझे चारदीवारी में ही रहना है,

उड़ने के ख़्वाब को छोड़ दे,

परिंदों की सोच और आकाश के स्वप्न सिर्फ स्वप्न है,

ख्वाबों में रहना छोड़ दे,


घर परिवार की जिम्मेदारी डालीं है कंधो पर,

उनको निभाओ,

क्या देख रही लड़कों जैसे स्वप्न तुम,

भला कौनसा देश संभालना है तुमको,


लड़की - 

क्यों न उडूं मैं क्यों न ख्वाब देखूं मैं भला,

जीने का मुझे भी अधिकार है,

यह मेरी जिंदगी है तो फैसला भी मेरा होगा,

समाज क्यूं तय करेंगा हम क्या करें और क्या नहीं,


समाज -

अरे कहा था मत पढ़ाओ लड़कियों को,

सिर चढ़कर बोलेंगी,

पर सुनता कहां कोई मेरी यहां,

अब भुगतेगा सारा समाज उसका परिणाम है,


लड़की -

अरे वाह! आपकी मर्जी सिर्फ लड़कियों पर चलती है,

लड़के जो आवारा डोलते हैं उन पर कोई लगाम नहीं,

क्यों आखिर हर बार लड़की के सपनों की बलि?

क्यों हर बार वही सहन करे,


समाज - 

देखो देखो आवाज उठा रही यह लड़की,

जानती नही हम कौन हैं,

सुन बेटी हम समाज है,

हमारे फैसले तुम्हें मानने होंगे,

हम ही सरकार है,


लड़की -

ओ हो! सरकार तो महिलाओं को अधिकार देती है,

छीनते कभी नहीं देखा,

समाज तो समान अधिकार समान विकास की बात कहता है,

क्या वो कोरी अफवाह है?

क्या मौलिक अधिकार लड़कों के लिए बने हैं?

कौनसी किताब में लिखा है,


समाज -

अरे देखो ये कल की लड़की हमें ज्ञान देती है,

जाओ कोई तो इसको समझाओ,

हमसे न उलझे ये,

पछताना पड़ेगा इसके परिवार को,


लड़की -

अरे वाह! क्यों न बोलूं कुछ,

और क्यों पछताएगा मेरा परिवार,

मैं आवाज हूं उन करोडो लड़कियों की,

जो करेंगी संघर्ष उठाएंगी आवाज,

भूलो मत हम आज की नारी है,


समाज -

वाह वाह ! फिल्मी डायलॉग सीख गई है,

जा...घर के काम देखो,

वहीं तुम्हारा काम है,


लड़की -

नहीं, हमारा मन जो कहेगा हम वहीं करेंगे,

हम उड़ेंगे, फैलाएंगे अपने पंखों को आकाश में,

करेंगे अपने ख्वाबों को पूरा,

दिखा देंगे समाज को हम भी चला सकते सरकार है,


आज देखेगा पूरा समाज,

लड़कियों को देश संभालते हुए,

अपने हक की आवाज को उठाते हुए,

अपने सपनों को पूरा करते हुए,

अपनी जिंदगी खुलकर जीते हुए,

जो मन करेगा वो करते हुए,

अपनी जिंदगी बिना बंदिशों के जीते हुए,

आज देखेगा पूरा समाज हमें अपने पंख फैलाते हुए।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational