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Gautam Kachhawaha

Inspirational

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Gautam Kachhawaha

Inspirational

रंग

रंग

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रंगों की दुनिया है निराली,

हर अंग पे चादर है डाली । 


रक्त में समा लाल, 

रखता रूह की लाज।

बालों पे फ़िक्र का साया, 

काला जिसपे है ताज।


शर्माती हुई खुशी लाल,

चेहरे पे खिलते हज़ारों राज़।

जिस्म से अन्न की प्यास, 

होठों पे गुलाबी कुछ खास। 


रंगों की खूबियाँ हसीन,

सजी जिसमें दुनिया रंगीन। 


आकाश का रंग निराला,

फूलों पे क्या नूर डाला।

नीचे जिसके सुकून की छाया,

पौधों ने ओढ़ी हरी काया।


चरणों पे माटी जो खास,

चारों तरफ़ खुशहाली की आस।

हाँ, रंग में ढलना जिसका खेल,

जल में निर्मलता का मेल।


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