मैं भारत आज भी
मैं भारत आज भी
मैं भारत आज भी,
मैं आज़ाद हूँ, आबाद भी।
इस माटी के आँचल की, लाज़ भी।
मैं ऊँचाई में बुलंद हूँ, नींव से मजबूत भी।
मैं भारत आज भी।
मैं सनातन हूँ, धर्म का आयना भी।
युवा में जोश हूँ, वृद्ध का सहारा भी।
मैं भारत आज भी।
मैं ग्रंथों का ज्ञान हूँ, आधुनिक विज्ञान भी।
रोग का इलाज हूँ, योग से बचाव भी।
मैं भारत आज भी।
मैं विकास की दौड़ लूं, संस्कारों का ठहराव भी।
वस्तुकला में विद्यमान हूँ, पुश्तैनी धरोहर भी।
मैं भारत आज भी।
मैं आज का संरक्षण हूँ, भविष्य का निर्माण भी।
मैं वीरों की विरासत हूँ, तकनीकी तरक्की भी।
मैं भारत आज भी।
भले ही भाषा-संस्कृति में बटा हूँ, मगर भाईचारे से जुड़ा भी।
शक्ति में अपार हूँ, निर्बल का सम्मान भी।
मैं भारत आज भी।
मैं आज का भारत हूँ, सोने की चिड़िया था कभी।
समय ने बदली सूरत है, धड़कन में हिंद आज भी।
मैं भारत आज भी।
लड़खड़ा के भी जो लड़ा हूँ, बदल दिया आज समय भी। चाहे नदियों से खून बहा है, खून में अस्तित्व मेरा आज भी।
मैं आज भी खड़ा हूँ, मैं भारत आज भी।
