आप जो सोच रहे हो वही सदियों से हम विश्व को बाँट रहे हैं। हम विश्व गुरु हैं। आप जो सोच रहे हो वही सदियों से हम विश्व को बाँट रहे हैं। हम विश्व गुरु हैं।
जिनका बटुआ रहता खाली, पेट न भरती उस घर थाली। जिनका बटुआ रहता खाली, पेट न भरती उस घर थाली।
और प्रतिदिन दिनचर्या में शामिल कीजिये योग। और प्रतिदिन दिनचर्या में शामिल कीजिये योग।
क्या किसी ने पा लिया और क्या तू पा जायेगा ? क्या किसी ने पा लिया और क्या तू पा जायेगा ?
जिस पथ का राही था मैं तो, प्यास रही थी जिसकी मूझको, निज सत्य का उदघाटन करना, जिस पथ का राही था मैं तो, प्यास रही थी जिसकी मूझको, निज सत्य का उदघाटन करना,
संविधान निर्माण में, महापुरुषों का योग था, लोकतंत्र सफल बना,ना कोई प्रयोग था , संविधान निर्माण में, महापुरुषों का योग था, लोकतंत्र सफल बना,ना कोई प्रयोग था ,