कल्याण हो तुम्हारा स्वस्थ जीवन स्वस्थ मन हो तुम्हारा कल्याण हो तुम्हारा स्वस्थ जीवन स्वस्थ मन हो तुम्हारा
क्या किसी ने पा लिया और क्या तू पा जायेगा ? क्या किसी ने पा लिया और क्या तू पा जायेगा ?
तप्त धरा है, छाया नहीं जरा है रत दिखता तू श्रम की ओर । चुनता जाता है जो तू अनवरत, लोहा, कागज, त... तप्त धरा है, छाया नहीं जरा है रत दिखता तू श्रम की ओर । चुनता जाता है जो तू अ...
रामचरितमानस हैं काव्य रामचरितमानस हैं काव्य
आकाश की भांति, होता है योगी, एकदम अछूता, एक द्रष्टा... आकाश की भांति, होता है योगी, एकदम अछूता, एक द्रष्टा...
योगी भोगी ठग जग का जन्मों, सदियों जाने कब से पथ दर्शक हूं मैं योगी भोगी ठग जग का जन्मों, सदियों जाने कब से पथ दर्शक हूं मैं