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Mayank Kumar 'Singh'

Classics

5.0  

Mayank Kumar 'Singh'

Classics

काव्य

काव्य

1 min
496


जीवन के अंधकार में ,

एक प्रकाश है काव्य

जलता सूरज के तेज में ,

एक चाँद है काव्य

किसी योगी के जीवन का ,

मोक्ष है काव्य

पहाड़ों से गिरते झरनों का ,

सलिल है काव्य

शकुनि की राजनीति का ,

तोड़ है काव्य

कृष्ण के उपदेश का ,

रश्मिरथी है काव्य

कालिदास के अज्ञानता का ,

ज्ञान है काव्य

ब्रह्मा, विष्णु, महेश का ,

निरंकार हैं काव्य

तुलसीदास की पीड़ा का ,

रामचरितमानस हैं काव्य

जीवन के रहस्य को खोजता ,

वेद है काव्य

समुंदर के लहरों से ,

वार्तालाप करता नाव है काव्य

मिर्जा गालिब के शायरी का ,

आवाज़ हैं काव्य

दुष्यंत के मोहब्बत का ,

पहचान है काव्य

किसी सरकार से सवाल पूछता ,

जनता का आवाज है काव्य

कुल मिलाकर मानव सभ्यता का ;

ताज है काव्य . .!!



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