काव्य
काव्य
जीवन के अंधकार में ,
एक प्रकाश है काव्य
जलता सूरज के तेज में ,
एक चाँद है काव्य
किसी योगी के जीवन का ,
मोक्ष है काव्य
पहाड़ों से गिरते झरनों का ,
सलिल है काव्य
शकुनि की राजनीति का ,
तोड़ है काव्य
कृष्ण के उपदेश का ,
रश्मिरथी है काव्य
कालिदास के अज्ञानता का ,
ज्ञान है काव्य
ब्रह्मा, विष्णु, महेश का ,
निरंकार हैं काव्य
तुलसीदास की पीड़ा का ,
रामचरितमानस हैं काव्य
जीवन के रहस्य को खोजता ,
वेद है काव्य
समुंदर के लहरों से ,
वार्तालाप करता नाव है काव्य
मिर्जा गालिब के शायरी का ,
आवाज़ हैं काव्य
दुष्यंत के मोहब्बत का ,
पहचान है काव्य
किसी सरकार से सवाल पूछता ,
जनता का आवाज है काव्य
कुल मिलाकर मानव सभ्यता का ;
ताज है काव्य . .!!