पहरेदार
पहरेदार
महल का संगीत हुआ तेज़
पहरेदार हुआ मगन
अब पीछे छूटा देश
भेष बना अनेक
कांपता है महल बस
संगीत के धुन से
बाहरी दुनिया का
शोर हुआ गुम
पहरेदार हुआ मगन
थक जाओ फिर चलो
राजा के हुक्म से
राजा अब डरता है
पहरेदार के हुंकार से,
पहरेदार हुआ मगन !