पहरेदार के हुंकार से, पहरेदार हुआ मगन ! पहरेदार के हुंकार से, पहरेदार हुआ मगन !
हूँ तीक्ष्ण मैं बुद्धि से लाग लपेट से अंजान हूँ मैं, दो टूक मे मैं रख देती! हूँ तीक्ष्ण मैं बुद्धि से लाग लपेट से अंजान हूँ मैं, दो टूक मे मैं रख देती...