सत्ता का लोभ
सत्ता का लोभ
सत्ता पाने का रहा,
नेताओं को लोभ।
देखें कब गंभीर हो,
वे जनता का क्षोभ।।
बस कुर्सी की कामना,
मन में हो केवल स्वार्थ।
राजनीति का इस देश की,
जाने सभी सत्य यथार्थ।।
जनहित रखकर ताक पर,
निज हित सिर पर लाद।
स्वर्ण आसन पाने के लिए,
करते रहते सदा वाद-विवाद।।
