मर्यादा के प्रतीक हो
मर्यादा के प्रतीक हो
राम, तुम मर्यादा पुरुषोत्तम, सत्य के प्रतीक हो,
धर्म के रक्षक, आदर्श राजा, मानवता के दीप हो।
तुम्हारे गुणों की महिमा, हर युग में गाई जाती,
सीता के प्रति तुम्हारी निष्ठा, हमें शिक्षा सिखाती।
राम, तुम मर्यादा पुरुषोत्तम, सत्य के प्रतीक हो,
धर्म के रक्षक, आदर्श राजा, मानवता के दीप हो।
वनवास की कठिनाइयाँ, तुम्हें नहीं झुका सकीं,
लक्ष्मण, सीता के संग, वन में तुमने पग धरे।
राम, तुम मर्यादा पुरुषोत्तम, सत्य के प्रतीक हो,
धर्म के रक्षक, आदर्श राजा, मानवता के दीप हो।
रावण के अहंकार का विनाश, तुम्हारी दया की कथा,
शरणागत के रक्षक तुम, ये जीवन की अनमोल गाथा ।
राम, तुम मर्यादा पुरुषोत्तम, सत्य के प्रतीक हो,
धर्म के रक्षक, आदर्श राजा, मानवता के दीप हो।
हनुमान के भक्तिभाव, तुमसे प्रेरणा पाते हैं,
सभी दिलों में राम बसे, जब राम नाम गाते हैं।
राम, तुम मर्यादा पुरुषोत्तम, सत्य के प्रतीक हो,
धर्म के रक्षक, आदर्श राजा, मानवता के दीप हो।
तुम्हारी सरलता, सादगी, तुम्हारी पावन मूरत,
मन में बसाकर तुम्हें, हर क्षण पाते हैं सुकून।
राम, तुम मर्यादा पुरुषोत्तम, सत्य के प्रतीक हो,
धर्म के रक्षक, आदर्श राजा, मानवता के दीप हो।
राम, तुम अनंत हो, असीम प्रेम का स्रोत हो,
तुम्हारी महिमा अपार है, तुम साक्षात देव स्वरूप हो।
राम, तुम मर्यादा पुरुषोत्तम, सत्य के प्रतीक हो,
धर्म के रक्षक, आदर्श राजा, मानवता के दीप हो।
तुम्हारे चरणों में है, भक्तों का जीवन मंगलमय,
तुम्हारी भक्ति से ही, हम सबका जीवन उज्जवल है।
