-अमर शहीद चन्द्रशेखर
-अमर शहीद चन्द्रशेखर
अदम्य साहस धैर्य भुजबल, भारत माता के सपूत,
मेरी मां की आंखें आंसुओं से भरी बड़ी-बड़ी हैं.
अपनी मातृभूमि के अधीन, लड़का व्याकुल,
उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेने, उनकी नाक में दम करने की कसम खा ली।
परवान देश कूदा, वीर मुक्त भाला चमका,
भयभीत, डरा हुआ अंग्रेज़ जनरल डायर संकट में था।
महावीर अकेले चले, भटकते बलिदान,
भारत माता चंद्रमा का शिखर बन गई, बस मन का संकल्प।
अखाड़ा अब युद्ध क्षेत्र है, अल्फ्रेड पार्क, पवन प्रयाग,
महाप्रलय विकारल रुद्र की, आज़ाद हिन्द भारत अनुराग की।
घबराये जनरल डायर ने अब मिलिट्री पार्क की घेराबंदी की,
गोली दोनों तरफ के पेड़ों को चपेट में लेते हुए चुपचाप चली गई।
मैंने तय कर लिया है कि मैं जीवित नहीं रहूँगा, आज पकड़ा जाऊँगा,
जब तक जीवन रहेगा मैं देश का मुखिया रहूंगा।
सौ जन्म देश के लिए मरें, जीवन मंगलमय हो
आज तू मरेगा, खल दीरे, आज तू दुर्भाग्य से फंसा है।
तोड़ो देश की परतंत्र बेड़ियाँ, भारत की मुफ़्त सौगात,
अपने बलिदान से हम भारत माता के श्रृंगार बनते हैं।
हे कायर कायर, अब मरने के लिए तैयार हो जाओ।
ये गोली बनेगी आपकी महाकाल, मौत देगी आपका आशीर्वाद!
आपस में जमकर मारपीट, गोलियों की बौछार
वह वीर देश है, स्वतंत्र भारत है, कायर रंग लाचार हो गया।
उसने खुद मौत को निमंत्रण दिया, अंग्रेज डर से कांप उठा,
पराक्रमी वह संहारक बन गया, देशभक्ति प्रेमी स्वतंत्र हो गया।
अभागे देश, वह क्षण कठिन है, केवल आग का गोला शेष है,
अपने भाले पर उन्होंने राष्ट्र का अभिषेक स्वयं किया।
मेरा जीवन निश्चित रूप से सुरक्षित रहेगा, मैं सदैव शत्रु के स्पर्श से रहित रहूँगा,
जीवन रक्षक भारत माता दे!चन्द्र शेखर आज़ाद समृद्धि।
हाथ काँप रहे थे, शरीर ढीले थे, शरीर बलि हो चुका था,
आशंकित मन कहीं न उठें, आज़ाद देश सुखी है।
हम भारत, जय हिंद शेर बन, आजाद वतन भारत सिरमौर,
निशि भोर अमर शहीदों और प्रेरणादायक युवाओं की एक पवित्र स्मृति बन गई है।
शत-शत नमन सस्रू, मैं तुम्हें शत-शत नमन करता हूं आजाद।
आज हम आपके बलिदान के ऋणी हैं, राष्ट्रीय धरोहर को सदैव आबाद रखें।
वीरतापूर्ण अमर इतिहास अमर गीतों के रूप में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया,
युगों-युगों तक गाया जायेगा, चन्द्रशेखर आज़ाद आभास।