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Kajal Kumari

Others

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भारत के वीर सपूत

भारत के वीर सपूत

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                                     जागो भारत के सपूत मैं तुम्हें जगाने आई हूँ

बीते कल की तस्वीरें कुछ तुम्हें दिखाने आई हूँ

स्वाभिमान और शौर्य का पावन गीत सुनाने आई हूँ

आज़ादी का मोल है क्या ये तुम्हें बताने आई हूँ

आज़ादी का मोल है क्या ये तुम्हें बताने आई हूँ


एक समय था देश में अपने चारों ओर अंधेरा था

अंग्रेजी बादल ने भारत के सूरज को घेरा था

सोने की चिड़िया को उनने था धोखे से कैद किया

भाई-भाई को लड़वाया और देश को लूट लिया

अन्नदाता भूखा मरता था ऐसी भी लाचारी थी

बंदूकों के शोर में घुटती बच्चों की किलकारी थी-2


अपनी भूमि पर रहने का गैरों को कर भरते थे

लाठी जूतों की ठोकर से घायल होकर मरते थे

भूखे सोते रातों को दिनभर मजदूरी करते थे

शोषित इतने थे खुलकर सांसे लेने से डरते थे-2

मैं वो गुलामी के सारे ज़ख्म दिखाने आई हूँ-2

आज़ादी का मोल है क्या ये तुम्हें बताने आई हूँ

आज़ादी का मोल है क्या ये तुम्हें बताने आई हूँ


आज़ादी का मोल दिया है मंगल से दीवानों ने

तोपें पीठों पर झेली आज़ादी के परवानों ने

आजादी को पाला रानी झांसी जैसी मांओं ने

राज छोड़ भूमि पर सोती महलों की ललनाओं ने

आजादी का मोल लहू है लाखों वीर जवानों का

खुदीराम, चन्द्र शेखर आज़ाद के जैसे अलबेले मस्तानों का

आजादी का मोल चुकाने को अपने सुख भूल गए

राजगुरु, सुखदेव, भगतसि

ंह थे फांसी पर झूल गए-2


आजादी का मोल दिया जब देश था पूरा साथ चला

बंदूकों से भिड़ने को जब देश जोड़ कर हाथ चला

आजादी का मोल था जीवन हँसकर जो था दान किया

सत्य अहिंसा और प्रेम सिखलाने को बलिदान दिया

मैं उनके पावन पग पर कुछ पुष्प चढ़ाने आईं हूँ

आजादी का मोल है क्या ये तुम्हें बताने आई हूँ-२


आजादी के रक्षक है जो सीमा पर जो जाते हैं

हिमालय से ऊँचे है जो दुश्मन पर छा जाते हैं

सूरज से चमड़ी जलती बर्फ़ों में हाड़ गलाते है

दुश्मन आंख दिखाए तो जो खुद भैरव बन जाते हैं

देश की आन पे हँसते हँसते अपने प्राण लुटाते हैं

राखी, ईद, दीवाली पर जो लौट के घर ना आते हैं

आजादी का मोल उनके गौरव गान बताते हैं-2


आजादी का मोल जो राखी तस्वीरों पर बँधती है

आजादी का मोल वो आँखें जो वर्दी को तकती हैं

आजादी का मोल बुढ़ापा जिसने बेटा दान दिया

आजादी का मोल वो बचपन जिसने पिता कुर्बान किया

आजादी का मोल है छूटी सारी अधूरी बातों से

मोल है इसका मेहंदी वाले चूड़ी तोड़ते हाथों से -2


आज़ादी का मोल चुकाना तुमको भी है ध्यान रहे

जाओ विश्व में जहाँ कभी भी मन में हिन्दोस्तान रहे

हर व्यक्ति तेजस्वी हो और धर्म का भान रहे

ऋषियों की पावन भूमि पर गुरुओं का सम्मान रहे

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा ऊंची इसकी उड़ान रहे

और तुम्हारे मन में ज़िन्दा पुरखों का बलिदान रहे-2।                              


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