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PANKAJ SAHANI

Inspirational

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PANKAJ SAHANI

Inspirational

साधुओं का साथ पाकर

साधुओं का साथ पाकर

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साधुओं की संगति से 

 धन्य हो गये युवा,

जो सत्य को दिखाने का

 सार्थक प्रयास कर रहे थे ।


रस मिला जब एक बूंद

 चखने को कृष्ण नाम का फिर ,

पछताये वो माथा पकड़कर

महबूब पर क्यों मर रहे थे ।


पांव पकड़ें और रोने लगे

दिल श्याम से लगने लगा,

वो श्याम का होने लगे

होने लगा एहसास जब इस बात का,

जीवन में जीतने दर्द थे

वो कृष्ण सब कुछ हर रहे थे,

हम महबूब के चक्कर में अपना

व्यर्थ जीवन कर रहे थे ।


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